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सर्वोत्कृष्ट फिल्म प्रथम अवार्ड से सम्मानित हुई दमोह की फिल्म ये गांव मेरा

महाराष्ट्र के जलगांव में 11 और 12 फरवरी को आयोजित देवगिरी फिल्म फेस्टिवल में दमोह की डॉक्यूमेंट्री फिल्म ये गांव मेरा ने सर्वश्रेष्ठ फिल्म का प्रथम पुरस्कार हासिल किया, देवगिरी फिल्म फेस्टिवल में संपूर्ण महाराष्ट्र से लगभग 92 फिल्में स्क्रीनिंग के लिए चुनी गई थी, जिनमें दमोह की ओम शिव शक्ति फिल्म्स इंटरनेशनल के बैनर तले हरीश पटेल के निर्देशन में ग्राम पड़रिया धवन के स्मार्ट गांव बनने तक के सफर पर बनी डॉक्यूमेंट्री फिल्म ये गांव मेरा भी चयनित की गई थी

पुरस्कार लेते हुए फिल्म निर्देशक हरीश पटेल

यह फिल्म मकर सक्रांति पर यूट्यूब पर भी रिलीज की गई थी, साथ ही इसका प्रथम प्रीमियर महाकौशल फिल्म फेस्टिवल जबलपुर में हुआ था, जहां से इस फिल्म ने अवार्ड और सम्मान राशि के साथ प्रमाण पत्र हासिल किए थे। इस डॉक्यूमेंट्री फिल्म में ग्राम पड़रिया थोबन के सामान्य गांव से स्मार्ट गांव बनने तक के गांव वासियों के और गांव के युवा अनुज बाजपेई के अथक परिश्रम को कहानी के माध्यम से दर्शाया गया था।

रिलीज होते ही फिल्म छा गई और लोगों में चर्चा का विषय बन गई। उसके बाद लगातार अलग-अलग फेस्टिवल में स्थान बनाकर फिल्म अवार्ड हासिल करती हुई देश दुनिया में अपना परचम लहराती जा रही है। फिल्म के निर्देशक हरीश पटेल ने बताया कि हमारी टीम ने इस फिल्म पर काम करते हुए इसे बहुत ही बारीकी से और पूरे तथ्यों की जानकारी के साथ प्रस्तुत किया था। लोगों की पसंद ही किसी फिल्म को ऊपर तक लेकर जाती है।

दमोह जिले का नाम भी इस फिल्म के द्वारा उभरकर ऊपर आया है. हरीश पटेल ने बताया कि देवगिरी फिल्म फेस्टिवल में लगभग 20 पुरस्कार  विजेता फिल्मों को अलग-अलग श्रेणी में दिए गए।

सर्वोत्कृष्ट प्रथम डॉक्यूमेंट्री फिल्म ये गांव मेरा को, सर्वोत्कृष्ट शॉर्ट फिल्म भाई का बडडे, सर्वोत्कृष्ट केंपस फिल्म सुकन्या को, सर्वोत्कृष्ट माइबोली लघुपट द दफ्तर चा को दिया गया। इसी के साथ लगभग 92 फिल्मों में से चुने गए श्रेष्ठ पटकथा, श्रेष्ठ छायांकन, श्रेष्ठ बाल कलाकार, श्रेष्ठ अभिनेता, अभिनेत्री, श्रेष्ठ दिग्दर्शक आदि पुरस्कार भी दिए गए.

अवार्ड मिलने से उत्साहित हरीश बताते हैं, कि महाराष्ट्र जैसे बड़े प्रदेश के मंच से हमारे दमोह की फिल्म को प्रथम सर्वोत्कृष्ट पुरस्कार मिलना एक बड़ी उपलब्धि है। जो फिल्म क्षेत्र में दमोह की  सहभागिता को बहुत आगे ले कर जाएगी। फेस्टिवल में शामिल फिल्मेकरो  और फिल्म फेस्टिवल के आयोजकों का ध्यान भी उस शहर की ओर आकर्षित होता है, जिस शहर की फिल्म को प्रथम सर्वोत्कृष्ट फिल्म का पुरस्कार प्राप्त होता है।

आगामी दिनों में कुछ और फेस्टिवलो में हमारी फिल्म की स्क्रीनिंग होने वाली है और इसके साथ ही जागेश्वर धाम बांदकपुर पर भी अति शीघ्र डॉक्यूमेंट्री फिल्म की शूटिंग शुरू होने वाली है, जिसमें बांदकपुर धाम के पूरे इतिहास को फिल्म के माध्यम से दर्शकों के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।

हरीश ने बताया कि फिल्म ये गांव मेंरा के प्रदर्शन और प्रथम सर्वोत्कृष्ट अवार्ड मिलने से फेस्टिवल में शामिल सभी दर्शकों और फिल्मकारों ने ग्राम पडरिया थोबन के बारे में विस्तार से जानकारी ली और कई लोगों ने दमोह आकर गांव के भ्रमण की इच्छा भी जाहिर की। इसे भी एक उपलब्धि मानते हुए ओम शिव शक्ति फिल्म की समस्त टीम ने गांव वासियों को और दमोह वासियों को शुभकामनाएं प्रेषित की और कहा कि ये फिल्म यूट्यूब पर उपलब्ध है, जिसे ये गांव मेरा डॉक्यूमेंट्री फिल्म सर्च करके देखा जा सकता है.

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